सभी भाइयो और बहनो को नमस्कार |
श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार सावन में प्रकृति के बाहर होने की खुशी का उत्सव है। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है।
कई गावो में इस दिन मेलो का आयोजन किया जाता है और कही कही तो दंगल का भी आयोजन किया जाता है एवं वृक्षारोपण भी किया जाता है,ये पूरी तरह प्रकति का महोत्सव है इसके अतिरिक्त पीपल के वृक्ष की पूजा कर ( फेरे लगाकर ) मिठाइयों का भोग भी लगाया जाता है जो की एक परम्परा है, एक धारणा यह भी है इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। इस बार यह त्योहार इस वर्ष 1 अगस्त 2019 गुरूवार को आ रहा है।
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श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार सावन में प्रकृति के बाहर होने की खुशी का उत्सव है। इसका मुख्य लक्ष्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है।
कई गावो में इस दिन मेलो का आयोजन किया जाता है और कही कही तो दंगल का भी आयोजन किया जाता है एवं वृक्षारोपण भी किया जाता है,ये पूरी तरह प्रकति का महोत्सव है इसके अतिरिक्त पीपल के वृक्ष की पूजा कर ( फेरे लगाकर ) मिठाइयों का भोग भी लगाया जाता है जो की एक परम्परा है, एक धारणा यह भी है इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा जरूर लगाना चाहिए। इस बार यह त्योहार इस वर्ष 1 अगस्त 2019 गुरूवार को आ रहा है।
HARIYALI AMAVSYA KI SHUBHKAMNAYE |
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, वृक्षों में देवी देवताओं का वास बताया गया है।
- इसी प्रकार आंवले के पेड़ में भगवान लक्ष्मीनारायण के विराजमान होने की परिकल्पना की गयी है । इसके पीछे वृक्षों को सुरक्षित रखने की भावना निहित है।
- शास्त्रों के अनुसार, पीपल के पेड़ में त्रिमूर्ति अर्थात भगवन ब्रह्मा, विष्णु और शिव का निवास होता है।
- पर्यावरण की शुद्धता बनाए रखने के लिए ही हरियाली अमावस्या के दिन वृक्षारोपण करने की प्रथा बनी। जो हमारी परंपरा और स्नेह का प्रतिक है |
- इस उत्सव में गुड़ व गेहू की धानी का प्रसाद दिया जाता है किसान इस दिन गेहू, ज्वार,मक्का,एवं चना की सांकेतिक बुवाई करते है जिससे कृषि का उत्पादन कितना होगा इस स्थिति का अनुमान लगाया जाता है
- इस त्यौहार में सभी वर्ग के लोगो के साथ साथ युवा भी शामिल होते है एवं उत्सव को आनंदपूर्वक मानते है
पीपल के पेड़ की पूजा |
राजस्थान के पश्चिम व दक्षिण, गुजरात के पूर्व क्षेत्रो में, मध्य प्रदेश के मालवा एवं निमाड़, उत्तेरप्रदेश के पश्चिमी व दक्षिणी इलाको के साथ साथ पंजाब और हरियाणा में भी हरियाली अमावस्या को एक उत्सव त्यौहार की तरह मनाया जाता है |
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